नई दिल्ली: रोहित शर्मा, साल 2025 की शुरुआत में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी, तब एक ऐसा फैसला हुआ जिसने क्रिकेट जगत को हैरानी में डाल दिया।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले गए पांचवें टेस्ट मैच में टीम के नियमित कप्तान रोहित शर्मा ने खुद को ही प्लेइंग इलेवन से बाहर कर लिया। यह फैसला जितना हैरान करने वाला था, उतना ही प्रेरणादायक भी। अब कई महीनों बाद, रोहित शर्मा ने खुद इस फैसले की भीतर की कहानी दुनिया से साझा की है।
रोहित ने पॉडकास्ट में किया खुलासा
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क के पॉडकास्ट ‘Beyond23’ में बातचीत करते हुए रोहित ने सच्चाई सामने रखी। उन्होंने बताया कि सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर करना आसान नहीं था, लेकिन टीम को प्राथमिकता देना हर कप्तान का धर्म होता है।
“मुझे खुद के प्रति ईमानदार रहना था। मैं जानता था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर रहा हूं। गिल जैसा युवा खिलाड़ी शानदार फॉर्म में था, और उसे बाहर बैठाना सही नहीं था,”
- रोहित शर्मा, पॉडकास्ट में।
फॉर्म ने रोहित को सोचने पर मजबूर किया
रोहित शर्मा ने उस सीरीज के शुरुआती चार टेस्ट मैच खेले थे, लेकिन प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।
- चार मैचों में 5 पारियों में सिर्फ 31 रन।
- एक भी अर्धशतक नहीं, स्ट्राइक रेट भी कम।
- टीम की बल्लेबाजी लगातार दबाव में थी।
ऐसे में जब पांचवां टेस्ट आया, तो रोहित ने अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन किया और निष्कर्ष निकाला कि इस समय टीम को उनकी नहीं, बल्कि एक इन-फॉर्म बल्लेबाज की ज्यादा जरूरत है।
टीम मैन के रूप में लिया फैसला
कई खिलाड़ियों के लिए अपने प्रदर्शन से ऊपर टीम को रखना मुश्किल होता है, लेकिन रोहित शर्मा ने यही किया। उन्होंने चयनकर्ताओं और कोच से खुलकर बात की।
“मैंने कोच और सेलेक्टर्स से चर्चा की। उन्हें पहले तो समझ नहीं आया, फिर उन्होंने महसूस किया कि मैं टीम के लिए सोच रहा हूं। हम शुभमन गिल को मौका देना चाहते थे, जो पिछला टेस्ट नहीं खेल पाया था।”
– रोहित शर्मा
इस फैसले ने यह साफ कर दिया कि रोहित न केवल एक कप्तान हैं, बल्कि टीम मैन हैं, जो हर हाल में अपने साथियों को आगे बढ़ाने में विश्वास रखते हैं।
शुभमन गिल ने मौके का फायदा उठाया
जिस खिलाड़ी के लिए रोहित ने खुद को बाहर किया – शुभमन गिल, उसने सिडनी टेस्ट में जोरदार प्रदर्शन किया।
- पहली पारी में 78 रन, शानदार क्लासिक बल्लेबाजी
- टीम को मजबूत शुरुआत दी
- गिल की पारी ने भारत को मैच में बनाए रखा
यह प्रदर्शन गिल के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ और यही उस फैसले की सबसे बड़ी जीत थी जो रोहित ने लिया था।
टेस्ट से संन्यास की अटकलें, लेकिन सच्चाई कुछ और
जब रोहित ने खुद को टेस्ट से बाहर किया, तो कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि वह शायद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं। लेकिन रोहित ने पॉडकास्ट में इसे पूरी तरह खारिज कर दिया।
“मैंने खुद को सिर्फ एक टेस्ट से बाहर किया था, क्योंकि मैं टीम के हित में सोचना चाहता था। मुझे टेस्ट से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है। मैं इंग्लैंड के खिलाफ अगली सीरीज खेलने को लेकर पूरी तरह तैयार हूं।”
– रोहित शर्मा
आईपीएल में भी नहीं दिखा पुराना रोहित
सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि आईपीएल 2025 में भी रोहित शर्मा का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा।
- अब तक 5 मैच, सिर्फ 56 रन
- 2 बार डक पर आउट
- कई बार ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के तौर पर सीमित रोल में इस्तेमाल हुए
एक समय ऐसा लग रहा था कि रोहित शर्मा का बल्ला टीम की जीत की गारंटी होता था, लेकिन इस सीजन में उनकी फॉर्म ने मुश्किल सवाल खड़े कर दिए हैं।
2027 वर्ल्ड कप तक खेलने की इच्छा, लेकिन…
रोहित शर्मा ने बीते साल यह इच्छा जताई थी कि वह 2027 वर्ल्ड कप तक खेलना चाहते हैं, लेकिन मौजूदा फॉर्म को देखते हुए यह सपना चुनौती भरा लगने लगा है।
टीम इंडिया में युवा खिलाड़ियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है, और अगर रोहित अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं कर पाए, तो आने वाले समय में उनका चयन भी मुश्किल हो सकता है।
निष्कर्ष: रोहित का साहसिक फैसला प्रेरणा है
जहां अधिकतर कप्तान अपनी जगह बचाने के लिए हर कोशिश करते हैं, वहीं रोहित शर्मा ने खुद को बाहर करने का फैसला लेकर एक मिसाल पेश की है।
उनका यह कदम सिर्फ एक क्रिकेटिंग निर्णय नहीं था, बल्कि एक लीडरशिप स्टेटमेंट था – “टीम पहले, मैं बाद में।”
अब देखना यह होगा कि क्या वह अपनी फॉर्म में वापसी करते हैं और आने वाली सीरीज व टूर्नामेंट्स में भारत के लिए वही ‘हिटमैन’ बनकर उभरते हैं, जिसकी क्रिकेट फैंस को आदत रही है।