भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 2027 में होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल की मेजबानी के लिए आधिकारिक रूप से रुचि दिखाई है। अगर यह प्रस्ताव पास होता है,

तो यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा, क्योंकि अब तक इस प्रतिष्ठित फाइनल की मेजबानी केवल इंग्लैंड ने की है। इससे भारतीय दर्शकों को घरेलू मैदान पर टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े मुकाबले का गवाह बनने का अवसर मिल सकता है।
अब तक इंग्लैंड में ही हुए हैं फाइनल मुकाबले
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत आईसीसी द्वारा टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित करने और दर्शकों की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए की गई थी। पहला फाइनल 2021 में रोज बाउल, साउथैम्पटन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुआ था, जिसमें न्यूजीलैंड विजेता बना। दूसरा फाइनल 2023 में ओवल, लंदन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया, जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा।
वर्तमान में, तीसरा फाइनल 2025 के बीच में लॉर्ड्स, लंदन में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा। इन लगातार आयोजनों से यह स्पष्ट है कि इंग्लैंड को टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का ‘डिफ़ॉल्ट मेज़बान’ मान लिया गया है। लेकिन अब बीसीसीआई इस परिदृश्य को बदलना चाहता है।
BCCI ने जताई मेजबानी की इच्छा: भारत में पहली बार फाइनल?
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने आईसीसी की हाल ही में हुई बैठक में 2027 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की मेजबानी के लिए बोली लगाने की मंशा जाहिर की है। यह बैठक जिम्बाब्वे में हुई थी, जिसमें बीसीसीआई की ओर से अरुण सिंह धूमल ने प्रतिनिधित्व किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जय शाह, जो अब आईसीसी के अध्यक्ष हैं, भारत की इस औपचारिक बोली को समर्थन दे सकते हैं।
नातिक वर्मा के अनुसार, “भारत में टेस्ट क्रिकेट के लिए बहुत गहरा जुड़ाव है, और अगर यह फाइनल भारत में होता है तो यह टेस्ट क्रिकेट के लिए नया जीवन संचार करेगा।”
दर्शकों की भागीदारी को लेकर ICC को है चिंता
आईसीसी को इस बात की चिंता है कि अगर फाइनल भारत में होता है और भारत की टीम उसमें क्वालीफाई नहीं करती, तो टिकटों की बिक्री प्रभावित हो सकती है। इंग्लैंड में आयोजित WTC फाइनल के लिए पहले ही चार दिनों के टिकट बिक चुके हैं, जबकि इंग्लैंड खुद इन फाइनल्स का हिस्सा नहीं रहा। इसका मुख्य कारण वहां की टेस्ट क्रिकेट परंपरा और मजबूत घरेलू टिकट मार्केट है।
फिर भी भारत में क्रिकेट के प्रति दीवानगी को नकारा नहीं जा सकता। विशेष रूप से अगर भारतीय टीम फाइनल में पहुंचती है, तो स्टेडियम्स खचाखच भरे होने की पूरी संभावना है।
हाइब्रिड मॉडल और भारत-पाकिस्तान मैच का मसला
एक और पहलू जो इस मेजबानी को चुनौतीपूर्ण बना सकता है, वह है भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंध। अगर पाकिस्तान 2027 के फाइनल के लिए क्वालीफाई करता है और भारत मेज़बान होता है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों टीमों के बीच मुकाबला किस स्वरूप में होता है। ICC पहले से ही हाइब्रिड मॉडल पर काम कर रही है, जैसा कि 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी में देखने को मिलेगा।
ICC इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या एक तटस्थ स्थान पर मुकाबला आयोजित किया जा सकता है, अगर दोनों देशों के बीच राजनीतिक रिश्ते सामान्य नहीं रहते।
BCCI की रणनीति और भारतीय क्रिकेट को मिलेगा बढ़ावा
यदि भारत को 2027 फाइनल की मेजबानी मिलती है, तो यह न केवल बीसीसीआई की प्रतिष्ठा को और ऊंचा करेगा, बल्कि भारत में टेस्ट क्रिकेट को भी एक नई पहचान देगा। इससे घरेलू स्तर पर टेस्ट मैचों के लिए दर्शकों की भागीदारी बढ़ेगी और युवाओं में भी टेस्ट क्रिकेट के प्रति रुझान पैदा होगा।
नातिक वर्मा का मानना है कि, “टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी लड़ाई अगर भारत में होगी तो यह ना सिर्फ दर्शकों को जोड़ने का मौका देगा, बल्कि भारतीय खिलाड़ियों को घरेलू मैदान का लाभ भी मिलेगा।”
भविष्य का कार्यक्रम और टेस्ट चैंपियनशिप की योजना
2025-2027 WTC चक्र नौ टीमों वाले सिंगल डिवीजन फॉर्मेट में जारी रहेगा। इसकी शुरुआत 20 जून से भारत के इंग्लैंड दौरे से होगी। यह श्रृंखला आने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के क्वालिफाइंग पॉइंट्स में अहम भूमिका निभाएगी।
निष्कर्ष
भारत के पास टेस्ट क्रिकेट की समृद्ध परंपरा है और यदि उसे 2027 WTC फाइनल की मेजबानी मिलती है, तो यह न केवल एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए भी एक बड़ा संदेश होगा। बीसीसीआई की यह पहल निश्चित ही दर्शाती है कि वह टेस्ट क्रिकेट को भी उतना ही महत्व देता है जितना टी20 और वनडे को।